महाकुंभ 2025 प्रयागराज में देखे गए अभय सिंह की कहानी वाकई हैरान करने वाली है। 

By: True Job tree

अभय सिंह की मूल पहचान झज्जर जिले के छोटे से गांव सासरौली से जुड़ी है। 

डी.एच. लारेंस स्कूल के टॉपर रहे अभय ने साल 2008 में 731वीं रैंक के साथ आईआईटी मुंबई में दाखिला लिया।  

आईआईटी मुंबई से एरोस्पेस इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करने के बाद, अभय ने फोटोग्राफी की दुनिया में कदम रखा। 

दो साल तक इस क्षेत्र में काम करने के बाद, उन्होंने कनाडा में करोड़ों के पैकेज वाली नौकरी स्वीकार की। लेकिन कोविड-19 के दौरान, अभय ने सब कुछ छोड़कर भारत लौटने का निर्णय लिया

प्रयागराज के महाकुंभ में अभय सिंह ग्रेवाल की वैरागी छवि सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। 

इस वीडियो में, वे अपने बचपन की पीड़ाओं और मन में चल रहे द्वंद्व का खुलकर जिक्र करते हैं। अभय बताते हैं कि 2021 में कनाडा से लौटने के बाद से वे महादेव की शरण में हैं

उनका जीवन उन लोगों के लिए प्रेरणा है, जो भौतिक सुखों से परे कुछ अर्थपूर्ण खोज रहे हैं। 

इंस्टाग्राम पर उनकी हर पोस्ट हमें गहराई से सोचने पर मजबूर करती है। उनके अकाउंट पर ऐसी तस्वीरें भी हैं जो उनके भीतर चल रहे संघर्षों का प्रतिनिधित्व करती हैं

और इन्हें देखकर लोग अपनी-अपनी तरह से प्रतिक्रिया दे रहे हैं।

इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान, उन्होंने दर्शनशास्त्र की पढ़ाई भी की, जिसका मकसद अपने सवालों के जवाब खुद ढूंढना था।