By: Vishnu Foujdar
गुरुवार को गौतम अडानी के खिलाफ अमेरिका में अरेस्ट वारंट जारी होने से अडानी समूह को भारी नुकसान उठाना पड़ा है।
इस घटना के कारण समूह की कुल संपत्ति में लगभग 30 बिलियन डॉलर की गिरावट आई है,
जिससे अडानी कंपनियों का संयुक्त बाजार पूंजीकरण अब 148 बिलियन डॉलर रह गया है।
पिछले वर्ष की हिंडनबर्ग रिपोर्ट से पहले समूह का बाजार मूल्य 235 बिलियन डॉलर के करीब था।
इस मामले में न्यूयॉर्क के पूर्वी जिले के अमेरिकी अटॉर्नी कार्यालय द्वारा दायर आपराधिक आरोपों के अनुसार, कुछ षड्यंत्रकारियों ने
गौतम अडानी को निजी तौर पर "न्यूमेरो ऊनो" और "द बिग मैन" जैसे कोड नामों से संबोधित किया।
इस दौरान, सागर अडानी ने कथित तौर पर रिश्वत के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए अपने सेलफोन का उपयोग किया।
गौतम अडानी की एक सहयोगी कंपनी GQG के शेयरों में भी 16% की गिरावट देखी गई है, जो इस संकट के प्रभाव को दर्शाता है।
हालांकि, इस मामले में कोई भी प्रतिवादी हिरासत में नहीं है और माना जा रहा है कि गौतम अडानी वर्तमान में भारत में हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस मामले की गहन जांच से अडानी समूह के भविष्य पर और भी अधिक असर पड़ सकता है, और यह भारतीय उद्योग में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है।